
SIR (Sanitised Integrated Roll) पर चर्चा शुरू हुई ही थी कि राहुल गांधी ने सीधा वार कर दिया—“अमित शाह जी, अगर दम है तो SIR पर फ्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिखाइए!”
बस फिर क्या था—हवा थोड़ी गर्म, माहौल थोड़ा तना… और शाह जी का माइक्रोफोन संभालते ही टेंपरचर फुल।
अमित शाह का पलटवार—“मेरी स्पीच का टाइम मैं तय करूँगा”
अमित शाह ने जवाब में कहा, “मेरी स्पीच का क्रम कोई और तय नहीं करेगा, मैं बोलूंगा अपने हिसाब से!”
इसके बाद उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखे तंज कसे। सदन में हंगामा ऐसा कि स्पीकर को बार-बार सुरक्षा बेल्ट कसनी पड़ी।
‘क्या देश का PM घुसपैठिए तय करेंगे?’—शाह का बड़ा बयान
SIR के बचाव में शाह बोले, “क्या किसी डेमोक्रेसी में घुसपैठिए PM और CM तय कर सकते हैं? बिलकुल नहीं! SIR सिर्फ वोटर लिस्ट को सैनिटाइज करने का प्रोसेस है।”
उन्होंने दावा किया कि कुछ पार्टियों की रणनीति सिर्फ “घुसपैठिए वोट” पर टिकी थी, और अब वो भी हाथ से निकल जाएंगे। एक तरह से कहें तो शाह का इशारा साफ—“वोटर लिस्ट साफ होगी, कुछ लोगों की नींद उड़ जाएगी।”
राहुल के आरोपों पर EC की सफाई—शाह का तंज
शाह ने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने ‘501 वोट एक ही घर से’ वाला बम फोड़ा था। लेकिन EC ने कहा—न घर फर्जी, न वोट फर्जी।

शाह ने चुभने वाला तंज मारा, “राहुल जी ने हाइड्रोजन बम डिफ्यूज कर दिया।”
हम हारें तो EC बेकार, आप हारें तो EC महान
शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “डेमोक्रेसी में डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेंगे। जब आप जीतते हैं तो EC शानदार। आप हार जाएं तो EC बेकार और BJP-परस्त?”
उन्होंने यह भी कहा कि BJP पर एंटी-इनकंबेंसी का असर कम आता है, क्योंकि पार्टी जनता के हित में काम करती है।
मतलब साफ—“हम जीतें तो जनता जागरूक, आप जीतें तो चमत्कार?”
SIR का असली मुद्दा क्या है?
वोटर लिस्ट को साफ करने की प्रक्रिया, यानी डुप्लीकेट, मृत या फर्जी नाम हटाना। लेकिन यह राजनीतिक तूफ़ान ऐसा बन गया है जैसे वोटर लिस्ट नहीं, किसी की नर्वस सिस्टम को “सैनिटाइज” किया जा रहा हो।
फरियादी आए, और सरकार ने कहा—”Nischint rahiye, sab set kar देंगे!”
